21-Dec-2021 08:12 PM
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भोपाल, 21 दिसंबर (AGENCY) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विधानसभा में कहा कि सरकार चाहती है कि राज्य में पंचायत चुनाव अन्य पिछड़ा वर्ग (आेबीसी) के आरक्षण के साथ हों, इसके लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
श्री चौहान ने सदन में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर हुयी चर्चा का उत्तर देते हुए यह बात कही। इस मुद्दे पर चली लंबी चर्चा के दौरान अनेक बार आरोप प्रत्यारोप और नोंकझोंक की स्थिति बनी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विपक्षी सदस्यों की बातों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए कहा कि भले ही ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष विरोध करे। या कोई साथ देने का प्रयास करे या नहीं करे, सरकार ओबीसी के हितों के संरक्षण और उन्हें आरक्षण दिलाने के अभियान को जारी रखेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में कोई पिछड़े वर्ग का हो या किसी भी वर्ग का, उनके हितों का संरक्षण राज्य सरकार करेगी।
श्री चौहान ने कहा कि भाजपा और उसकी सरकारों ने हमेशा ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिलाने के साथ ही उनके हितों का ध्यान रखा, लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय किया। उसे आरक्षण नहीं देने दिया गया। इसी तरह पंचायत चुनाव में भी ओबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं लेने दिया गया।
इसके पहले आज शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्ष के नेता कमलनाथ ने ओबीसी मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाने की जानकारी दी। श्री चौहान ने तत्काल कहा कि सरकार इस पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इसके बाद कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल की इस संबंध में प्राप्त सूचना पढ़कर सुनायी और श्री पटेल ने चर्चा की शुरूआत की।
श्री पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने अदालत में ओबीसी आरक्षण को नहीं, रोटेशन को चुनौती दी थी। लेकिन अदालत ने ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग के हितों की रक्षा कांग्रेस ही करती आयी है और भाजपा ने इस दिशा में कुछ नहीं किया।
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सदन में कहा कि कांग्रेस ने आरक्षण का अदालत में विरोध किया, इसी वजह से आरक्षण समाप्त हुआ। उन्होंने कहा कि वे अपनी बात तथ्यों के साथ रख रहे हैं और यदि उन्हें गलत साबित कर दिया जाए, तो वे अपने पद से त्यागपत्र भी देने तैयार हैं।
नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस के लोग रोटेशन को चुनौती देते हुए कोर्ट में पहुंचे। आरक्षण को चुनौती नहीं दी। उन्होंने कहा कि जब आरक्षण संबंधी महाराष्ट्र का मामला अदालत में आया, तब मध्यप्रदेश के अधिवक्ता चुप क्यों रहे। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि सरकार आरक्षण के समर्थन में कोर्ट जा रही है, तो कांग्रेस सरकार के साथ है।...////...