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परमार्थ करने वाले पथिक की ही गायी जाती है कीर्ति : प्रेमभूषण महाराज
Admin author
India
10-Nov-2024 08:42 PM
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जौनपुर, 10 नवम्बर (संवाददाता) उत्तरप्रदेश में जौनपुर जिले के बीआरपी इण्टर कॉलेज के मैदान में आयोजित सात दिवसीय रामकथा के पहले दिन रविवार को अंतरराष्ट्रीय कथावाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि जगत के हर जीव में भगवान का वास है लेकिन मनुष्य नामक प्राणी को जो भी शरीर प्राप्त है वह अपने आप में अद्भुत है। उन्होंने कहा कि परमार्थ करने वाले पथिक की ही कीर्ति गई जाती है। उन्होंने कहा कि इस शरीर के माध्यम से मनुष्य अपना लोक और परलोक दोनों ही सुधार सकता है किसी अन्य जीव के लिए यह संभव नहीं है। मनुष्य को छोड़ बाकी के 84 लाख योनियों को भोग योनी कहा गया है। इनके लिए अपने कर्म का कोई बंधन नहीं होता है लेकिन मनुष्य जो भी कर्म करता है वह उसी के फल से जीवन भर प्रभावित रहता है। महाराज ने कहा कि जौनपुरवासियों का सौभाग्य है कि इस तरह की रामकथा सुनने को मिल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि रामकथा को जिस रूप में श्रवण करेंगे उसी रूप में आपको उसका सफल मिलेगा। मनुष्य अपने जीवन में छीन झपट करके चाहे जितना पूंजी इकट्ठा कर ले संसार की कोई वस्तु उसके साथ नहीं जाती है केवल परमार्थ, सत्कर्म और पुण्य ही साथ जाता है। परमार्थ यात्रा के पथिक की ही कीर्ति गायी जाती है। भोले शंकर और सती के प्रसंग को भी उन्होंने बड़े मार्मिक ढंग से चित्रण किया।...////...
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