प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करने पर 2024 तक बाध्यकारी समझौते पर 175 देशों की हामी
03-Mar-2022 09:13 PM 1713
नयी दिल्ली, 03 मार्च (AGENCY) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए) के नैरोबी अधिवेशन में 175 देशों ने प्लास्टिक प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ऐतिहासिक संकल्प को अपनाया है। भारत ने प्लास्टिक प्रदूषण पर वैश्विक कार्रवाई करने के संकल्प पर आम सहमति विकसित करने के लिए सदस्य देशों के साथ रचनात्मक संपर्क स्थापित किया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक ट्वीट में कहा, 'यूएनईए 5.2 में ऐतिहासिक कदम। 175 देशों ने प्लास्टिक प्रदुषण को खत्म करने तथा 2024 तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानूनी बाध्यता वाला समझौता करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने प्लास्टिक प्रदुषण के खिलाफ पहले से ही मजबूत कदम उठा रहा है।' मंत्रालय की गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, नैरोबी में 28 फरवरी-2 मार्च 2022 तक आयोजित पांचवीं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए 5.2) के फिर से शुरू होने वाले सत्र में प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए तीन मसौदा प्रस्तावों पर विचार किया गया। भारत द्वारा प्रस्तुत मसौदा प्रस्ताव में देशों द्वारा तत्काल सामूहिक स्वैच्छिक कार्रवाई का आह्वान किया गया। बयान में कहा गया कि भारत ने कानूनी रूप से बाध्यकारी एक नई अंतरराष्ट्रीय संधि के लिए एक अंतर-सरकारी वार्ता समिति की स्थापना करके प्लास्टिक प्रदूषण पर वैश्विक कार्रवाई करने के संकल्प पर आम सहमति विकसित करने के लिए सभी सदस्य देशों के साथ रचनात्मक रूप से काम किया। भारत के आग्रह पर, प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए कार्रवाई करते समय राष्ट्रीय परिस्थितियों और क्षमता के सिद्धांत को संकल्प के पाठ में शामिल किया गया ताकि विकासशील देशों को उनके विकास पथ का अनुसरण करने की अनुमति मिल सके। भारत समिति के विचार-विमर्श का पूर्व आकलन कर, इस स्तर पर लक्ष्यों, परिभाषाओं, प्रारूपों और कार्यप्रणाली के विकास के साथ अंतर-सरकारी वार्ता समिति को अधिकार पत्र नहीं सौंपने के लिए भी खड़ा था। प्लास्टिक प्रदूषण से तत्काल और निरंतर निपटने के लिए देशों द्वारा तत्काल सामूहिक स्वैच्छिक कार्यों का प्रावधान भी शामिल है। लंबी बातचीत के बाद, भारत के मसौदा प्रस्ताव के प्रमुख उद्देश्यों को 'प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें: एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी रूप से बाध्यकारी जरिये की ओर' पर संकल्प में पर्याप्त रूप से बताया गया था, जिसे यूएनईए के फिर से शुरू हुए पांचवें सत्र में अपनाया गया।...////...
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