सफल प्रशासक बनने के लिए मन में करूणा, स्नेह और आदर का भाव जरूरी-उइके
24-Apr-2022 09:06 PM 5071
रायपुर 24 अप्रैल(AGENCY)छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि सफल प्रशासक बनने के लिए मन में करूणा, स्नेह और आदर का भाव जरूरी हैं तभी लोग बेझिझक आपसे अपनी बात कह पाएंगे, उन्हें अपनी समस्या का समाधान मिलेगा। सुश्री उइके ने आज प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के राजधानी स्थित शांति सरोवर में प्रशासकों, कार्यपालकों और प्रबंधकों के लिए आयोजित अखिल भारतीय प्रशासनिक सम्मेलन का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ करते हुए कहा कि प्रशासक शासन व्यवस्था की धुरी है। प्रशासक जितना कुशल, उत्तरदायी, कर्मठ और ईमानदार होगा, प्रशासन उतना ही जिम्मेदार और सक्षम बनेगा। उन्होंने कहा कि सामान्य धारणा है कि वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था लोगों की आकांक्षाओं को पूर्ण करने में खरा नहीं उतर रही है तथा लोगों में व्यवस्था को लेकर असंतुष्टता दिखाई देती है। इसका एक प्रमुख कारण नैतिक और मानवीय मूल्यों के अभाव को माना जा रहा है। प्रशासन को दक्ष बनाने के लिए नैतिक व मानवीय मूल्यों, आध्यात्मिक ज्ञान और सकारात्मक विचारों को प्रशासनिक कार्यप्रणाली का अंग बनाना होगा, जिससे वे लोक व देशहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। सुश्री उइके ने कहा कि जन कल्याणकारी नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन से समाज तथा देश का विकास संभव हो पाएगा। ऐसे में प्रशासक में संवेदनशीलता, करूणा एवं सद्भावना जैसे मानवीय मूल्य हों तो वे बड़ी सहजता से जनसमस्याओं को दूर कर उनमें खुशी का संचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आप तभी सफल प्रशासक बन पाएंगे जब आपके मन में करूणा, स्नेह और आदर का भाव होगा। सुश्री उइके ने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहने के दौरान किए गए कार्यों का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमें अपने अधिकारों से लोगों की मदद करनी चाहिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन के लिए तन और मन का संतुलन आवश्यक है। जब मन संतुलित रहेगा, तो हमारे विचारों में उथल-पुथल नहीं होगी। मन शांत रहेगा, हमारी कार्य क्षमता बढ़ेगी, जो हमारे स्वयं के लिए, परिवार और समाज के लिए अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्षों के शोध के बाद मन को साधने के लिए अध्यात्म और ध्यान का रास्ता बताया है। उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित लोगों से तन और मन के संतुलन के लिए समय निकालने और अध्यात्म तथा ध्यान का रास्ता अपनाने का आव्हान किया। इस अवसर पर प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा राज्यपाल सुश्री उइके को उपहार स्वरूप छायाचित्र भेंट की गई।...////...
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