25-Jun-2022 10:31 PM
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वाराणसी, 25 जून (AGENCY) केंद्रीय मंत्री डा महेंद्र नाथ पांडेय ने कांग्रेस पर सत्ता के लालच में देश को आपातकाल की आग में झोंकने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसका मकसद लोकतंत्र का गला घोंटना था।
डा पांडेय ने 25 जून 1975 को देश पर थोपे गये आपातकाल के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा देशव्यापी स्तर पर मनाये गये ‘काला दिवस’ पर वाराणसी में आयोजित संगोष्ठी काे संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर आरोपों की बौछार की। गुलाब बाग स्थित भाजपा कार्यालय में वाराणसी महानगर द्वारा आयोजित संगोष्ठी में डा पांडेय ने कहा कि भारतीय राजनीति में दो कालखंड बहुत महत्वपूर्ण है। जिसमें शासन और प्रशासन ने जनता पर बेइंतहा अत्याचार किए। पहला आपातकाल एवं दूसरा आयोध्या आंदोलन। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सत्ता के लोभ में 25 जून 1975 को देश पर जबरदस्ती आपात काल थोपा और लोकतंत्र की हत्या की। उन्होंने कहा कि आपात काल के नाम पर आम लोगों के सारे अधिकार छीन लिए गये। राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सारे बड़े नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया। मीडिया की आवाज दबा दी गयी।
केंद्रीय मंत्री डाॅ महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि आपातकाल के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और इसके अनुशांसिक संगठनों ने लोगों के साथ दूसरे राजनीतिक दलों की भी चिंता की। जेलो में बंद लोगो को खाना पहुंचाया, उनके परिवार के लोगों की हर संभव मदद की।
डा पांडेय ने आपातकाल के संस्मरण सुनाते हुएं कहा कि उस समय वह बनारस हिंदू युनिवर्सिटी (बीएचयू) के छात्र थे और विद्यार्थी परिषद के सदस्य होने के कारण उनके साथियों ने भी आपातकाल का विरोध किया। जिसके फलस्वरूप उन्हें जेल भी जाना पडा।
इस दौरान उन्होंने आपातकाल के जेल बंदियों को लोकतंत्र सेनानी के रूप में सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में सुभाष चंद्र गुप्ता, डाॅ बैजनाथ, डा शिवनाथ यादव, जय प्रकाश गुप्ता अौर कमलेश जायसवाल सहित अन्य लोकतंत्र सेनानी शामिल थे।...////...