18-Nov-2023 11:58 PM
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पुरी, 18 नवंबर (संवाददाता) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा में श्रीजगन्नाथ मंदिर पुरी के रत्न भंडार को खोलने और मरम्मत करने की मांग की है।
श्री प्रधान ने त्रिमूर्ति के दर्शन के लिए श्रीमंदिर का दौरा करने के बाद सदाशिब केंद्रीय संस्कृत संस्थान के नवीनीकरण की नींव रखने के लिए आयोजित समारोह के मौके पर मीडियाकर्मियों से कहा कि श्रीजगन्नाथ के रत्न भंडार की मरम्मत और देवताओं के आभूषणों की गिनती की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि श्रीमंदिर में नटमंडप की मरम्मत समय पर पूरी होनी चाहिए। उन्होने 100 करोड़ रुपये की लागत से सदाशिब केंद्रीय संस्कृत संस्थान के पूर्ण नवीनीकरण की नींव रखी। इसमें आठ मंजिला प्रशासनिक भवन, छात्रों तथा छात्राओं के लिए दो पांच मंजिला छात्रावास भवन, गेस्ट हाउस और स्टाफ क्वार्टर के लिए एक और पांच मंजिला इमारत का निर्माण शामिल है।
श्री प्रधान ने डॉ. हरेकृष्ण सत्पथी द्वारा अनुवादित ओडिया महालक्ष्मी पुराण का संस्कृत संस्करण जारी किया। उड़िया महालक्ष्मी पुराण संत बलराम दास द्वारा लिखा गया है। उन्होंने महालक्ष्मी पुराण पर तीन दिवसीय प्रवचन को भी संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि महालक्ष्मी पुराण समाज को महिला सशक्तीकरण, अस्पृश्यता के अंत और जाति-पांति के बंधनों से परे जाकर समाज को फिर से परिभाषित करने का स्पष्ट संदेश देता है। इस पुस्तक का देश की अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह इस मामले पर नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) से बात करेंगे। उन्होंने कहा, "सैकड़ों साल पहले पंडित हरिहर दास और सदाशिव मिश्रा ने कई भाषाओं की जननी संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए संस्कृत टोल की स्थापना की थी।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में संस्कृत संस्थानों को मजबूत करने को प्राथमिकता दी है। मैंने छात्रों को ठीक से पढ़ाई करने की सलाह दी है। संस्थानम के इस मौके पर कुलपति डॉ श्रीनिबास बरखादी, सदाशिब परिसर के निदेशक अतुल कुमार नंदा, आईटीडीसी के प्रमुख संबित पात्रा, विधायक जयंत कुमार सारंगी और लालतेंदु बिद्याधर महापात्र उपस्थित थे। तीन दिवसीय सम्मेलन में तीन सौ से अधिक वैदिक विद्वान भाग ले रहे हैं।...////...