स्थानीय भाषा-संस्कृति के विकास में सामुदायिक रेडियो की अहम भूमिका : त्रिपुरारी
10-Jan-2024 05:27 PM 5440
पटना, 10 जनवरी (संवाददाता) बिहार के मुख्य सूचना आयुक्त त्रिपुरारी शरण ने आज कहा कि सामुदायिक रेडियो स्थानीय भाषा-संस्कृति और स्थानीय विरासत को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं। शरण ने बुधवार को यहां दो दिवसीय सामुदायिक रेडियो कार्यशाला का उद्घाटन किया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा सामुदायिक रेडियो स्थापित करने की प्रक्रियाओं पर योग्य संगठनों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से दिल्ली की सीकिंग मॉडर्न एप्लीकेशंस फॉर रियल ट्रांसफॉर्मेशन (स्मार्ट) के साथ साझेदारी में कार्यशाला का आयोजन किया गया है। यह सामुदायिक रेडियो स्थापित करने की प्रक्रिया को भी उजागर करेगा और वैशाली, सारण, सीवान और भागलपुर जिलों के परिचालित स्टेशनों के साथ अनुभव साझा करने पर एक सत्र होगा। मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सामुदायिक रेडियो स्थानीय संस्कृति, भाषा और स्थानीय विरासत को बढ़ावा देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं। यह संगीत और कला का भंडार बन सकता है और स्थानीय समुदाय को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच भी प्रदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि संस्थान कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से अपने समुदायों को समृद्ध कर सकते हैं। इसमें समुदाय की आवाज बनने और स्थानीय लोगों का विश्वास कायम करने की क्षमता है। स्मार्ट की संस्थापक अर्चना कपूर ने कहा कि सामुदायिक रेडियो लोकतंत्र के मूल्यों- समावेशन, भागीदारी और विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं। साथ ही यह एकमात्र मीडिया प्लेटफ़ॉर्म है जो लोगों के स्वामित्व में है और लोगों द्वारा चलाया जाता है। यह लोगों के लिए जानकारी संचारित करता है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो का माध्यम व्यक्तियों, समूहों और समुदायों को अपनी कहानियां सुनाने, अनुभव साझा करने और सामग्री निर्माता बनने में सक्षम बनाता है, विशेष रूप से स्थानीय लोकप्रिय और प्रासंगिक मुद्दों पर। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के अतिरिक्त निदेशक श्री केसरवानी ने कहा कि सामुदायिक रेडियो दोतरफा संचार को बढ़ावा देता है। वे न केवल सूचना देते हैं बल्कि एक ओर स्थानीय ज्ञान का लाभ भी उठाते हैं और सूचना प्रसारित करते हैं जिससे सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले समुदायों को राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं तक पहुंचने में मदद मिलती है। उन्होंने उन मुद्दों को प्रचारित करने में सामुदायिक रेडियो की भूमिका पर जोर दिया, जिनका बड़े पैमाने पर समुदाय से सीधा संबंध है। उन्होंने कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय देश में सामुदायिक रेडियो क्षेत्र को मजबूत करने के लिए दो मुख्य पहल लेकर आया है - अग्रणी सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की पहचान करना जो अन्य आगामी सीआर स्टेशनों के लिए एक मार्गदर्शक या संरक्षक के रूप में कार्य करेंगे। और दूसरा सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना के लिए वित्त उपलब्ध कराने की योजना शुरू की है। एमआईबी के सहायक निदेशक अमित द्विवेदी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और कहा कि सरकार लोगों की आवाज को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।...////...
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