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स्वतंत्रता के इतिहास लेखन में महिला क्रांतिकारियों की अनदेखी हुई : सिन्हा
Admin author
India
09-Oct-2022 11:28 PM
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नयी दिल्ली , 09 अक्तूबर (संवाददाता) सुप्रसिद्ध चिंतक-विचारक एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद राकेश सिन्हा ने ने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास लेखन में सबसे ज्यादा भेदभाव महिला क्रांतिकारियों के साथ किया गया है तथा साम्राज्यवाद को कमजोर करने में इनकी प्रभावी भूमिका के बावजूद मार्क्सवादी और नेहरूवादी राज में इनको सम्मान नहीं दिया गया। श्री सिन्हा ने आज़ादी के अमृत महोत्सव से जुड़े शहीद नमनांजलि कार्यक्रम में कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता चांदबाई, मतांगनि हाजरा,मालती देवी,एकेम्मा चेरियन जैसी सैंकड़ों महिला स्वतंत्रता सेनानियों की उपेक्षा की गयी । साम्राज्यवादी शासन के विरूद्ध लड़ने वाली ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की भूमिका इतिहास की पुस्तकों में नगण्य है । उदाहरण के लिए कर्नाटक के सिंजक्की माकी गांव की महिलाओं ने अंग्रेंजों को नाकों चने चबवा दिए थे । कुलीन घरानों को इतिहास में स्थान दिया गया आम जन के योगदान का कहीं वर्णन नहीं है इसलिए स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास का पुनर्लेखन आवश्यक है ।...////...
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