05-May-2022 10:44 PM
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श्रीनगर 05 मई (AGENCY) भारतीय सेना की चिनार कोर के कमांडर निवर्तमान लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडे ने गुरुवार को कहा कि पिछले एक साल में 250 से अधिक ऐसे युवाओं काे सामान्य जिंदगी में वापस लाया गया है, जो या तो आतंकवाद में शामिल होने वाले थे या शामिल हो चुके थे।
उन्होंने कहा, “ उनके 15वीं कोर के कमांडर का पद संभालने के बाद से कश्मीर में सेना की ओर से हिंसा की कड़ी को तोड़ने के सिद्धांत को अपनाया जाने लगा है। ”
उन्होंने पत्रकारों से कहा,“ एक तरफ से हम आतंकवादियों को ढेर कर रहे हैं और दूसरी तरफ हम चाहते हैं कि घाटी में हथियार उठाने वाले युवाओं की संख्या में कमी आए। मुझे लगता है कि हमने दोनों ही स्तरों पर बेहतर काम किया है। ”
मध्य प्रदेश में आर्मी वार कॉलेज के कमांडेंट नियुक्त किए गए लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि कश्मीर में पिछले एक साल में काफी बदलाव देखा गया है क्योंकि यहां की पुलिस को अब आतंकवादियों के बारे में खुफिया जानकारियां अधिक मिलने लगी हैं।
उन्होंने कहा,“सूचनाओं का आदान-प्रदान हो रहा है। अब जम्मू-कश्मीर की पुलिस को तकनीकी सूचनाओं के बजाय इंसानों से खुफिया जानकारियां अधिक मिलने लगी हैं, क्योंकि लोग नहीं चाह रहे हैं कि आतंकवादी उनके घर को अपना ठिकाना बनाकर वहीं छिपने लगे। लोग नहीं चाहते हैं कि उन्हें खुलेआम आतंकवादियों का समर्थक कहा जाए। कई ऐसी भी जगहें हैं, जहां आतंकवादियों के समर्थकों को अलग-थलग कर दिया जा रहा है। इस तरह के कई बदलाव आज हो रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में 250 युवाओं काे आतंकवाद के रास्ते से हटाकर आम जिंदगी में वापस लाना उनकी एक अहम उपलब्धि है।
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा,“आतंकवादी बनने की कगार पर पहुंच चुके या आतंकवादी बन चुके 250 से अधिक नौजवानों को सामान्य जिंदगी के रास्ते पर मोड़ना मेरी उपलब्धि है।”
उन्होंने कहा कि हथियारों की मौजूदगी कोई चुनौती नहीं है। उन्होंने कहा,“हां, कुछ (अमेरिकी) हथियार कश्मीर में आए हैं, लेकिन अब यह कोई चुनौती नहीं है।”
इससे पहले, लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि एक नई शुरुआत की एक झलक दिखाई दे रही है, खासकर अगस्त 2019 के बाद जब जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया था।...////...