10-May-2022 10:00 PM
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जयपुर, 10 मई (AGENCY) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण और संचयन के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
श्री मिश्र आज यहां राजभवन में अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति विकास एवं कल्याण हेतु संचालित योजनाओं की प्रगति एवं समस्याओं के संबंध में इस क्षेत्र के विधायकों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में निवास कर रहे जनजातीय लोगों की प्रगति और उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के लिए समयबद्ध रूप से प्रयास किए जाएं।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र में अधीनस्थ, मंत्रालयिक एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए वर्ष 2014 में अलग सेवा नियम बनने के बाद से इस क्षेत्र के नौजवानों को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिर भी अनुसूचित क्षेत्र में रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में और तेजी लाने की जरूरत है जिससे यहां के बेरोजगारों को तो नौकरी मिलेगी ही, साथ ही गैर-अनुसूचित क्षेत्र के कार्मिकों को भी उनके विकल्प के आधार पर स्थानातंरण का अवसर मिल सकेगा।
श्री मिश्र ने संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत केन्द्रीय सहायता मिलने और इसके राज्य में स्वीकृति उपरांत समुचित उपयोग को समयबद्ध सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए ताकि जनजाति कल्याण की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र के निवासी आदिवासियों और इस क्षेत्र के समीपवर्ती जनजातीय लोगों की सामाजिक- आर्थिक परिस्थिति और चुनौतियां एक जैसी हैं, इसे देखते हुए इन लोगों को भी रोजगार और शिक्षा के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाई जाए। उन्होंने अनुसूचित क्षेत्र के आदिवासियों के कौशल विकास और संवर्धन पर भी बल दिया।
कार्यक्रम में जलसंसाधन मंत्री श्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि जनजाति उपयोजना के ..महाराष्ट्र पैटर्न.. को मूल भावना में राजस्थान भी लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र से बाहर निवास कर रहे आदिवासियों को भी सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके, इसके प्रयास किए जाएं।...////...