बिहार कुष्ठ उन्मूलन के करीब, प्रसार में आ रही निरंतर कमी : मंगल
27-Feb-2022 11:27 PM 5529
पटना 27 फरवरी (AGENCY) बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार ने कुष्ठ उन्मूलन की दिशा में बेहतर कार्य किया है, जिसका परिणाम है कि राज्य अब कुष्ठ उन्मूलन के नजदीक है। श्री पांडेय ने रविवार को यहां कहा कि बिहार में कुष्ठ के उपचार के लिए बहुचिकित्सा प्रणाली वर्ष 1996-97 से लागू की गयी थी। इसके अंतर्गत एमडीटी की दवा प्रत्येक पीएचसी पर मुफ्त में लोगों को दी जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य में नवंबर 2021 तक करीब 17 लाख कुष्ठ रोगियों को रोगमुक्त किया जा चुका है। मंत्री ने कहा कि इस प्रणाली के अंतर्गत छह माह से एक साल तक चिकित्सा उपलब्ध करा देने पर कुष्ठ रोगी पूर्णतः ठीक होकर रोगमुक्त और जाते हैँ। शीघ्र जांच एवं चिकित्सा से रोगी में विकलांगता नहीं आती है। कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम का लक्ष्य कुष्ठ के रोगियों की प्रसार दर प्रति 10 हजार व्यक्तियों पर एक से कम लाना है। उन्होंने कहा कि बिहार में छह जिलों को छोड़कर सारे जिलों में यह आंकड़ा 10 हजार की आबादी पर एक से कम है। श्री पांडेय ने कहा कि छह जिले जिनका कुष्ठ का प्रसार दर एक से ज्यादा हैं, उनमें किशनगंज, अरवल, कैमूर, सीतामढ़ी, शेखपुरा और सुपौल शामिल हैं। इन जिलों में प्रसार दर को कम करने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। अतः अनुमानतः 2024 तक इस लक्ष्य की प्राप्ति होने की संभावना है। प्रसार दर कम करने के लिए सरकार द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। मंत्री ने कहा यह वर्ष 2016-17 में जहां नए केस खोज की संख्या 21818, वर्ष 2017-18 में 21353, वर्ष 2018-19 में 17154, वर्ष 2019-20 में 16595 थी वहीं अब 2020-21 नवंबर तक 8207 है। वर्ष 2020-21 में नवंबर तक कुष्ठ से ठीक हुए 89 लोगों की रिकंस्ट्रक्टीव सर्जरी भी हो चुकी है। रिकंस्ट्रक्टीव सर्जरी कराने वाले मरीजों को आठ हजार रुपये की इंसेटिव राशि दी जाती है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - mpenews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^