12-Nov-2022 10:12 PM
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रामागुंडम 12 नवंबर (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तेलंगाना में रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) संयंत्र और भद्राचलम रोड-सत्तुपल्ली रेल लाइन समेत कुल 9500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया और आधारशिला रखी।
श्री मोदी ने आरएफसीएल संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया जिसकी आधारशिला 07 अगस्त-2016 को स्वयं उन्होंने रखी थी। यह संयंत्र स्वदेशी नीम-लेपित यूरिया उत्पादन का 12.7 एलएमटी प्रति वर्ष उपलब्ध करायेगा। यह परियोजना नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) और फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) की संयुक्त उद्यम कंपनी आरएफसीएल के तत्वावधान में स्थापित की गयी है।
आरएफसीएल पर 6300 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ न्यू अमोनिया-यूरिया प्लांट स्थापित करने की जिम्मेदारी है। इस संयंत्र को गैस की आपूर्ति जगदीशपुर-फूलपुर-हल्दिया पाइपलाइन से की जायेगी। यह संयंत्र तेलंगाना के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में किसानों को यूरिया उर्वरक की पर्याप्त और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। संयंत्र न केवल उर्वरक की उपलब्धता में सुधार करेगा बल्कि सड़क, रेलवे, सहायक उद्योग आदि जैसे बुनियादी ढांचे के विकास सहित क्षेत्र में समग्र आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। इसके अलावा, कारखाने के लिए विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति के लिए एमएसएमई विक्रेताओं के विकास से क्षेत्र को लाभ होगा।आरएफसीएल का 'भारत यूरिया' न केवल आयात को कम करके बल्कि उर्वरकों और विस्तार सेवाओं की समय पर आपूर्ति के माध्यम से स्थानीय किसानों को प्रोत्साहन देकर अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री ने भद्राचलम रोड-सत्तुपल्ली रेल लाइन को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस रेल लाइन का निर्माण करीब 1000 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। उन्होंने 2200 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली की विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 765डीजी का मेडक-सिद्दीपेट-एलकाथुर्ति खंड , राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 161 बीबी का बोधन-बसर-भैंसा खंड और राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 353सी का सिरोंचा-महादेवपुर खंड शामिल है।
इस मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझने के साथ ही युद्ध और सैन्य कार्रवाई की कठिन परिस्थितियों से प्रभावित हो रही है , वहीं इन सबके बीच विशेषज्ञ भविष्यवाणी कर रहे हैं कि भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है।
उन्होंने कहा, “ विशेषज्ञ यह भी कह रहे हैं कि 90 के दशक से 30 साल के बराबर विकास आने वाले कुछ सालों में होगा। इस धारणा की मुख्य वजह पिछले आठ वर्षों के दौरान देश में हुआ बदलाव है क्योंकि भारत ने काम करने के अपने दृष्टिकोण को बदल दिया है। इन आठ वर्षों में सरकार के दृष्टिकोण में परिवर्तन आया है जो कि बुनियादी ढांचे, सरकारी प्रक्रियाओं, व्यापार करने में आसानी और देश की महत्वाकांक्षा से प्रेरित परिवर्तनों में नजर आता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक नया भारत खुद को आत्मविश्वास और विकास की आकांक्षाओं के साथ दुनिया के सामने पेश करता है। उन्होंने कहा, “ विकास एक सतत मिशन है जो देश में साल में 365 दिन चलता है और जब किसी परियोजना का लोकार्पण किया जाता है, तो नयी परियोजनाओं पर काम एक साथ शुरू होता है।” उन्होंने जोर दिया कि जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गयी है उनके विकास में तेजी लाने के प्रयास किये जा रहे हैं और रामागुंडम आरएफसीएल संयंत्र इसका स्पष्ट उदाहरण है।
उन्होंने कहा “ इक्कीसवीं सदी का भारत महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को हासिल कर आगे बढ़ सकता है। जब लक्ष्य महत्वाकांक्षी होता है, तो हमें नयी पद्धतियों के साथ आना होगा और नयी सुविधाओं का निर्माण करना होगा।” उन्होंने कहा कि उर्वरक क्षेत्र केंद्र सरकार के ईमानदार प्रयासों का प्रमाण है।
उस समय को याद करते हुए जब भारत उर्वरकों की मांगों को पूरा करने के लिए विदेशों पर निर्भर था, उन्होंने कहा कि पहले स्थापित किये गये कई उर्वरक संयंत्रों को अप्रचलित प्रौद्योगिकियों के कारण बंद करना पड़ा। यूरिया जो अत्यधिक दरों पर आयात किया जाता था, उसे किसानों तक पहुंचने के बजाय अन्य उद्देश्यों के लिए काला बाजारी किया जाता था। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में गोरखपुर संयंत्र ने उत्पादन शुरू कर दिया है, और रामागुंडम संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा कि जब ये संयंत्र पूरी तरह से काम करने लगेंगे तो देश को 60 लाख टन यूरिया मिलेगा, जिससे आयात पर भारी बचत होगी और यूरिया की उपलब्धता आसान होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आरएफसीएल संयंत्र आसपास के क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और क्षेत्र में रसद से संबंधित व्यवसायों को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, “ केंद्र सरकार द्वारा निवेश किए गए 6000 करोड़ रुपये तेलंगाना के युवाओं को कई हजार रुपये का लाभ देंगे। ”
श्री मोदी ने उर्वरक क्षेत्र में तकनीकी प्रगति के बारे में भी बात की और कहा कि नैनो यूरिया क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव लाएगा तथा आत्मनिर्भर भारत के महत्व पर बल दिया एवं उल्लेख किया कि कैसे महामारी व युद्ध के कारण उर्वरक की वैश्विक कीमत वृद्धि को किसानों को स्थानांतरित नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि किसान को 2000 रुपये की बोरी यूरिया 270 रुपये में उपलब्ध कराई जाती है। इसी तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की एक बोरी की कीमत 4000 रुपये है, जिस पर 2500 रुपये प्रति बोरी की सब्सिडी दी जाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा,“ पिछले आठ वर्षाें में केंद्र सरकार पहले ही लगभग 10 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है ताकि किसानों पर उर्वरकों का बोझ न पड़े। उन्होंने कहा कि भारत के किसानों के लिए सस्ती खाद उपलब्ध कराने के लिए केंद्र ने इस साल अब तक 2.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ”
श्री मोदी ने बताया कि केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के बैंक खातों में लगभग 2.25 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं।
उन्होंने बाजार में उपलब्ध उर्वरकों के उन तमाम ब्रांडों पर भी प्रकाश डाला, जो दशकों से किसानों के लिए चिंता का कारण बने हुए थे। उन्होंने कहा, “ यूरिया का अब भारत में केवल एक ब्रांड होगा और इसे भारत ब्रांड कहा जाता है। इसकी गुणवत्ता और कीमत पहले से ही निर्धारित है। ”
प्रधानमंत्री ने कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर की चुनौती की चर्चा की और कहा कि सरकार हर राज्य को आधुनिक राजमार्ग, हवाई अड्डे, जलमार्ग, रेल लाइन और इंटरनेट राजमार्ग उपलब्ध कराकर इस चुनौती से निपटने के लिए काम कर रही है। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से इसे नयी ऊर्जा मिल रही है। उन्होंने कहा कि समन्वय और सुविचारित कार्यशैली से परियोजनाओं के लंबे समय तक लटकने की संभावना खत्म हो रही है।
श्री मोदी ने कहा कि भद्राद्री कोठागुडेम जिले और खम्मम को जोड़ने वाली रेलवे लाइन चार साल में बिछाई गई और इससे स्थानीय आबादी को बहुत फायदा होगा। इसी तरह आज जिन तीन राजमार्गों पर काम शुरू हुआ है, उससे औद्योगिक क्षेत्र, गन्ना और हल्दी उत्पादकों को लाभ होगा।
देश में विकास कार्यों के गति पकड़ने पर उठने वाली ‘अफवाहों’ पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ ताकतें राजनीतिक लाभ के लिए अड़ंगा लगाती हैं। उन्होंने हजारों करोड़ रुपये के अनगिनत घोटालों को याद किया, जिन्होंने कोयला खदानों को लेकर देश को त्रस्त कर रखा है।
श्री मोदी ने कहा, “ हमारी सरकार ने उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को लाभ देने के लिए जिला खनिज कोष भी बनाया है जहाँ खनिज निकाले जाते हैं। इस फंड के तहत राज्यों को हजारों करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। ”
श्री मोदी ने कहा,“ हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलकर तेलंगाना को आगे ले जाना चाहते हैं।...////...