27-Jan-2022 10:53 PM
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मुंबई, 27 जनवरी (AGENCY) बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार को राज्य के आदिवासी क्षेत्र मेलघाट में बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पका हुआ पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना शुरू करने का निर्देश दिया, जहां हजारों लोगों की मौत कुपोषण के कारण हुई हैं।
अदालत ने राज्य को मेलघाट में इन आदिवासी लोगों के लिए कुछ वैकल्पिक काम देने का भी सुझाव दिया ताकि वे क्षेत्र से बाहर पलायन न करें, जिसके परिणामस्वरूप वे सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से वंचित हो जाते हैं।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मकरंद कार्णिक की खंडपीठ ने आदिवासी क्षेत्र में कुपोषण के कारण बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं की लगातार मौत के मुद्दे को उजागर करने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया।
महाधिवक्ता आशुतोष कोम्भकोनी ने इस क्षेत्र के कल्याण और पुनर्वास के लिए एक विस्तृत योजना प्रस्तुत की। इस पर विचार करने के बाद, पीठ ने राज्य को दो महीने की अवधि के भीतर अपनी दीर्घकालिक योजनाओं के साथ आने का निर्देश देते हुए मामले पर अगली सुनवाई फरवरी के अंतिम सप्ताह मुकरर्र की है।...////...